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    सप्तशती क्या है?

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    तो क्या आप भी नवरात्रि के समय में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। तो क्या आप उसमें दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि महिलाओं को सप्तशती का पाठ किस प्रकार से करना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर दुर्गा सप्तशती क्या है, इसका पाठ करने से आपको क्या क्या फल देखने को मिलता है। हम आपको ये भी बताएंगे कि आप को इस का पाठ किस प्रकार से करना है, यानी कि आपको इसमें इसके बारे में पूरी जानकारी मिल जाने वाली है। तो चलिए बिना किसी देरी के आगे बढ़ते हैं।

    सप्तशती दुर्गा मां को प्रसन्न करने के लिए एक पाठ है, जिसका पाठ करने से दुर्गा मां की कृपा हमें प्राप्त होती है। क्योंकि इसमें दुर्गा मां के गुणों के बारे में बखान किया जाता है, साथ ही साथ इसमें आपके ऊपर कृपा करने का भी आग्रह किया जाता है। जैसे कि durga chalisa में भी होता है।

     अगर बात करें सप्तशती के अध्याय के तो इसमें टोटल 13 अध्याय हैं, जो कि 3 खंडों में बटे हुए हैं। इसमें खंड चरित्र के रूप में होते हैं। जैसे कि प्रथम चरित्र, दूसरा मध्यम चरित्र, और तीसरा अंतिम चरित्र। अगर इनके अंदर अध्याय की बात करें, तो प्रथम चरित्र में 1 अध्याय होता है, और मध्यम से चरित्र के अंदर 2 से लेकर चौथा अध्याय शामिल होता है, और वही आखरी यानी कि अंतिम अध्याय में 4 से लेकर पूरे 13 अध्याय शामिल होते हैं। कहा जाता है कि इन सभी का पाठ करने से दुर्गा मां की असीम कृपा हमें प्राप्त होती है।

    महिलाओं को दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करना चाहिए?

    जैसा कि आपने देखा होगा कि नवरात्रि के समय में सभी महिलाएं व्रत रखती है, ताकि वह सभी दुर्गा मां को प्रसन्न न कर सके। तो अगर आप  नवरात्रि के समय सप्तशती पाठ करते हैं, तो इससे आपको बहुत ही अच्छा फल देखने को मिलता है। तो चले जान लेते हैं कि महिलाएं किस प्रकार से सप्तशती का पाठ कर सकते है।

    1:ध्यान रखें कि जब भी आप सप्तशती पाठ करें तब आपको सिले हुए वस्त्र नहीं पहने हैं। अगर आप एक महिला हैं तो आपको हमेशा साड़ी पहनकर ही सप्तशती का पाठ करना है, और अगर कोई पुरुष पाठ करना चाहे तो वह धोती पहनकर इसका पाठ कर सकते हैं।

    2: सप्तशती का पाठ करते समय इस बात का भी ध्यान रखें, कि अगर एक बार आप पाठ करने बैठे तो बीच में कहीं भी उठकर ना जाए। कम से कम एक अध्याय का पाठ पूरा जरूर करें। इसलिए सभी काम को पूरा करने के बाद ही इस पाठ को करने के लिए बैठे।

    3: जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, तो सभी शब्दों का उच्चारण आपको सही सही करना है। ताकि आपको उस शब्द का अर्थ समझ आये और दुर्गा मां भी प्रसन्न हो।

    4: सप्तशती का पाठ करते समय आपको अपने स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कभी भी आपको गंदे कपड़े पहन कर इसका पाठ  करने नहीं बैठना है। 

    5: दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय अगर आप से हो सके, तो आपको कुश के आसन का ही उपयोग करें, जिससे दुर्गा मां बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होती हैं।

    जैसा कि आज हमने आपको दुर्गा सप्तशती के पाठ के बारे में बताया। अगर आपके पास समय हो तो दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। लेकिन अगर आपके पास कम समय है, तो हो सके तो इसी विधि से durga chalisa का पाठ अवश्य करें। इससे भी आपको दुर्गा मां का आशीर्वाद मिलेगा।

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